Comprehensive Content Audit to Improve SEO

क्या आपकी वेबसाइट पर मौजूद कंटेंट आपके बिजनेस को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है या फिर वो बस वहीं पड़ा हुआ है, बिना किसी मकसद के? अगर आपको इस सवाल का जवाब नहीं पता, तो ये ब्लॉग आपके लिए है। कंटेंट ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपकी वेबसाइट के कंटेंट को नया जीवन दे सकती है और आपके बिजनेस को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा सकती है।

इस ब्लॉग में, हम आपको बताएँगे:

  1. कंटेंट ऑडिट क्या है और ये आपके बिजनेस के लिए क्यों जरूरी है।
  2. कंटेंट ऑडिट करने का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
  3. कैसे पहचानें कि आपका कंटेंट अच्छा परफॉर्म कर रहा है या नहीं।
  4. कंटेंट ऑडिट के दौरान कौन-सी कॉमन गलतियाँ करने से बचें।
  5. कंटेंट ऑडिट के बाद आपके बिजनेस को क्या फायदे मिलेंगे।

चाहे आप एक ब्लॉगर हों, एक छोटे बिजनेस के मालिक या फिर एक डिजिटल मार्केटर, ये ब्लॉग आपको एक स्ट्रॉन्ग कंटेंट स्ट्रैटेजी बनाने में मदद करेगा। तो, आइए शुरू करते हैं और जानते हैं कि कैसे एक कंटेंट ऑडिट आपकी वेबसाइट को और भी बेहतर बना सकता है।

Comprehensive Content Audit
Table Of Contents
  1. What is a Content Audit? | कंटेंट ऑडिट क्या है?
  2. Why Content Audit is Essential? | कंटेंट ऑडिट क्यों ज़रूरी है?
  3. Types of Content Audit | कंटेंट ऑडिट के प्रकार
  4. Steps to Perform a Content Audit | कंटेंट ऑडिट करने के स्टेप्स
  5. Common Mistakes to Avoid | कंटेंट ऑडिट में होने वाली आम गलतियाँ
  6. Benefits of Regular Content Audits | नियमित कंटेंट ऑडिट के फायदे
  7. Conclusion | निष्कर्ष
  8. FAQs | Content Audit

What is a Content Audit? | कंटेंट ऑडिट क्या है?

Content Audit एक प्रोसेस है जिससे वेबसाइट के मौजूदा कंटेंट (ब्लॉग्स, वेबपेज, इमेज, वीडियोज) की गहराई से जांच की जाती है। इसका मकसद यह समझना होता है कि कौन-सा कंटेंट अच्छा परफॉर्म कर रहा है और किसे अपडेट, रीपर्पज़ या डिलीट करने की जरूरत है। यह वेबसाइट की ओवरऑल परफॉर्मेंस और SEO को बेहतर बनाने में मदद करता है।

Purpose of a Content Audit | कंटेंट ऑडिट का उद्देश्य

Content Audit मुख्य रूप से तीन काम करता है:

  • Evaluate Existing Content – वेबसाइट के सभी कंटेंट की समीक्षा करना
  • Assess Performance – कौन-सा कंटेंट ट्रैफिक ला रहा है और कौन-सा नहीं
  • Align with Business Goals – कंटेंट को बिज़नेस स्ट्रेटजी के अनुरूप ऑप्टिमाइज़ करना

जब कंटेंट ऑडिट सही तरीके से किया जाता है, तो यह आपकी वेबसाइट के ओवरऑल परफॉर्मेंस को सुधारता है और बिज़नेस ग्रोथ में मदद करता है।

Role of a Content Audit  | कंटेंट ऑडिट की भूमिका

  • SEO Improvement: ऑडिट से आप डुप्लिकेट, आउटडेटेड या लो-क्वालिटी कंटेंट को हटा सकते हैं, जिससे गूगल की रैंकिंग बेहतर होती है।
  • Better User Experience: जब कंटेंट क्लियर, रिलेवेंट और यूज़र-फ्रेंडली होता है, तो विज़िटर्स ज़्यादा एंगेज होते हैं।
  • Higher Content ROI: अच्छे कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करके आप कम मेहनत में ज़्यादा ट्रैफिक और कन्वर्ज़न पा सकते हैं।

Content Audit एक स्मार्ट स्ट्रेटजी है जो वेबसाइट की हेल्थ को मेंटेन करने और उसकी ग्रोथ को बूस्ट करने में मदद करती है। 

What is Content Audit

Why Content Audit is Essential? | कंटेंट ऑडिट क्यों ज़रूरी है?

कंटेंट ऑडिट एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपकी वेबसाइट या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट की गुणवत्ता, प्रदर्शन और प्रासंगिकता को जाँचती है। यह न सिर्फ आपके कंटेंट को बेहतर बनाने में मदद करता है, बल्कि आपके बिजनेस को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाता है। आइए जानते हैं कि कंटेंट ऑडिट क्यों ज़रूरी है:

1. Improves Website Structure and Content Quality | वेबसाइट की संरचना और कंटेंट क्वालिटी में सुधार

Content Audit से आप वेबसाइट के कंटेंट को बेहतर तरीके से ऑर्गेनाइज़ कर सकते हैं। इससे:

✔ यूज़र्स को ज़रूरी जानकारी जल्दी मिलती है
✔ वेबसाइट की नेविगेशन आसान होती है
✔ कंटेंट की क्वालिटी में सुधार आता है, जिससे यूज़र्स लंबे समय तक साइट पर बने रहते हैं

2. Enhances SEO Performance and Keyword Optimization | SEO परफॉर्मेंस और कीवर्ड ऑप्टिमाइज़ेशन को बेहतर बनाता है

जब कंटेंट सही कीवर्ड्स और SEO बेस्ट प्रैक्टिस के अनुसार ऑप्टिमाइज़ होता है, तो:

✔ गूगल में रैंकिंग बेहतर होती है
✔ ऑर्गेनिक ट्रैफिक बढ़ता है
✔ वेबसाइट की अथॉरिटी स्ट्रॉन्ग होती है

Content Audit यह पहचानने में मदद करता है कि कौन-से पेज SEO के लिए ऑप्टिमाइज़ करने की जरूरत है और किन पेजेज पर कीवर्ड स्ट्रेटजी को इंप्रूव किया जा सकता है।

3. Identifies Outdated, Duplicate, or Low-Performing Content | पुराना, डुप्लिकेट या कमज़ोर परफॉर्म करने वाले कंटेंट की पहचान

वेबसाइट पर कई बार ऐसा कंटेंट होता है जो:

✔ पुराना हो चुका है
✔ डुप्लिकेट है या दूसरे कंटेंट से मिलता-जुलता है
✔ बहुत कम ट्रैफिक या एंगेजमेंट ला रहा है

Content Audit से ऐसे कंटेंट को अपडेट या डिलीट करके वेबसाइट की ओवरऑल हेल्थ और परफॉर्मेंस को इंप्रूव किया जा सकता है।

Why Content Audit is Essential

4. Helps in Content Marketing Strategy | कंटेंट मार्केटिंग स्ट्रेटजी को मजबूत बनाता है

Content Audit से आप जान सकते हैं कि:

✔ कौन-सा कंटेंट सबसे ज़्यादा एंगेजमेंट ला रहा है
✔ कौन-से टॉपिक्स यूज़र्स को ज़्यादा पसंद आ रहे हैं
✔ किस तरह का नया कंटेंट बनाना चाहिए

इससे आपकी Content Marketing Strategy ज़्यादा प्रभावी हो जाती है और ROI (Return on Investment) बढ़ता है।

Types of Content Audit | कंटेंट ऑडिट के प्रकार

Content Audit कई तरह के हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से इसे तीन कैटेगरी में बांटा जाता है:

1. SEO Content Audit | SEO कंटेंट ऑडिट

SEO Content Audit का मकसद यह जांचना होता है कि आपकी वेबसाइट का कंटेंट सर्च इंजन फ्रेंडली है या नहीं। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित चीजों का एनालिसिस किया जाता है:

Keyword Usage – क्या कंटेंट में सही कीवर्ड्स का इस्तेमाल हो रहा है?
Meta Tags & Descriptions – क्या सभी पेजेज में ऑप्टिमाइज़्ड मेटा टाइटल और डिस्क्रिप्शन हैं?
Backlinks & Internal Links – क्या कंटेंट में अच्छे क्वालिटी के बैकलिंक्स और इंटरनल लिंकिंग है?

जब SEO Content Audit सही तरीके से किया जाता है, तो गूगल रैंकिंग, ऑर्गेनिक ट्रैफिक और वेबसाइट की अथॉरिटी में सुधार होता है।

2. Technical Content Audit | टेक्निकल कंटेंट ऑडिट

टेक्निकल ऑडिट यह सुनिश्चित करता है कि वेबसाइट पर कोई टेक्निकल इशू नहीं है, जिससे यूज़र्स और सर्च इंजन को परेशानी हो। इसमें ये फैक्टर्स चेक किए जाते हैं:

Page Speed – वेबसाइट की लोडिंग स्पीड कितनी तेज़ है?
Broken Links – क्या कोई लिंक काम नहीं कर रहा?
Mobile-Friendliness – वेबसाइट मोबाइल पर सही तरीके से दिख रही है या नहीं?

अगर वेबसाइट स्लो है या टेक्निकल इशूज़ हैं, तो यह SEO और यूज़र एक्सपीरियंस दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है।

3. User Engagement Audit | यूज़र एंगेजमेंट ऑडिट

यूज़र एंगेजमेंट ऑडिट यह समझने में मदद करता है कि विज़िटर्स आपकी वेबसाइट के कंटेंट पर कैसा रिएक्ट कर रहे हैं। इसके लिए निम्नलिखित मेट्रिक्स का एनालिसिस किया जाता है:

Bounce Rate – कितने यूज़र्स वेबसाइट पर आते ही तुरंत बाहर निकल जाते हैं?
Click-Through Rate (CTR) – सर्च रिजल्ट में दिखने के बाद कितने लोग लिंक पर क्लिक कर रहे हैं?
Time on Page – यूज़र्स किसी पेज पर कितना समय बिता रहे हैं?

अगर यूज़र एंगेजमेंट कम है, तो इसका मतलब है कि कंटेंट को और ज़्यादा इंटरएक्टिव और वैल्यू देने वाला बनाने की जरूरत है।

Types of Content Audit

Steps to Perform a Content Audit | कंटेंट ऑडिट करने के स्टेप्स

Content Audit एक स्ट्रक्चर्ड प्रोसेस है जिससे वेबसाइट के कंटेंट को एनालाइज़, ऑप्टिमाइज़ और इंप्रूव किया जाता है। इसे करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:

1. Set Clear Goals | क्लियर गोल्स सेट करें

सबसे पहले यह तय करें कि कंटेंट ऑडिट का मकसद क्या है। यह हो सकता है:

SEO Improvement – गूगल में रैंकिंग बढ़ाना
Content Pruning – आउटडेटेड या अननेसेसरी कंटेंट हटाना
Engagement Boost – यूज़र एक्सपीरियंस और कन्वर्ज़न इंप्रूव करना

स्पष्ट गोल सेट करने से ऑडिट प्रोसेस अधिक फोकस्ड और प्रभावी बनता है।

2. Collect and Organize Data | डेटा इकट्ठा करें और व्यवस्थित करें

कंटेंट ऑडिट के लिए आपको वेबसाइट के सभी पेजेज और उनके परफॉर्मेंस डेटा की जरूरत होगी। इसके लिए इन टूल्स का इस्तेमाल करें:

Google Analytics – ट्रैफिक, बाउंस रेट और एंगेजमेंट डेटा
Google Search Console – इंडेक्सिंग स्टेटस और कीवर्ड परफॉर्मेंस
Screaming Frog – वेबसाइट के सभी URLs और मेटा डेटा को स्कैन करने के लिए

यह डेटा आपको यह समझने में मदद करेगा कि कौन-सा कंटेंट अच्छा परफॉर्म कर रहा है और कौन-सा सुधार की जरूरत है।

3. Analyze Content Performance | कंटेंट परफॉर्मेंस का विश्लेषण करें

अब यह चेक करें कि कौन-सा कंटेंट:

✔ सबसे ज़्यादा ट्रैफिक ला रहा है
✔ SEO और कीवर्ड परफॉर्मेंस में बेहतर है
✔ यूज़र एंगेजमेंट बढ़ा रहा है

साथ ही, यह भी देखें कि कौन-सा कंटेंट आउटडेटेड, डुप्लिकेट या कम एंगेजिंग है।

4. Optimize and Update Content | कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ और अपडेट करें

पुराने ब्लॉग्स को अपडेट करें – नई जानकारी, डेटा और फैक्ट्स जोड़ें
कीवर्ड ऑप्टिमाइज़ेशन करें – सही कीवर्ड्स और मेटा टैग्स अपडेट करें
रीडबिलिटी सुधारें – छोटे पैराग्राफ, बुलेट पॉइंट्स और विज़ुअल्स जोड़ें

यह सभी स्टेप्स कंटेंट को ज़्यादा SEO-फ्रेंडली और यूज़र-फ्रेंडली बनाएंगे।

5. Remove or Redirect Low-Quality Content | लो-क्वालिटी कंटेंट को हटाएं या रीडायरेक्ट करें

Outdated Pages – पुरानी और बेकार जानकारी को डिलीट करें
301 Redirects – डेड पेजेस को रिलेटेड नए पेजेस पर रीडायरेक्ट करें
Duplicate Content – एक जैसे कंटेंट को मर्ज करें या हटा दें

इससे वेबसाइट की परफॉर्मेंस और सर्च इंजन क्रेडिबिलिटी इंप्रूव होती है।

6. Track and Monitor Changes | चेंजेस को ट्रैक और मॉनिटर करें

कंटेंट ऑडिट एक बार करने से ही सब कुछ सही नहीं होता, इसे रेगुलर बेसिस पर करना जरूरी है। हर 3-6 महीने में:

✔ परफॉर्मेंस डेटा चेक करें
✔ SEO और ट्रैफिक रिपोर्ट्स का एनालिसिस करें
✔ कंटेंट को लगातार अपडेट करें

Steps to Perform a Content Audit

Common Mistakes to Avoid | कंटेंट ऑडिट में होने वाली आम गलतियाँ

Content Audit करने के दौरान कई बार कुछ गलतियाँ हो जाती हैं, जो वेबसाइट की परफॉर्मेंस पर नेगेटिव असर डाल सकती हैं। नीचे कुछ कॉमन मिस्टेक्स दी गई हैं, जिन्हें अवॉइड करना चाहिए:

1. Ignoring Content Structure and Readability | कंटेंट की संरचना और पढ़ने की आसानी को नजरअंदाज करना

अगर कंटेंट सही से स्ट्रक्चर नहीं किया गया है या पढ़ने में मुश्किल है, तो यूज़र्स जल्दी साइट छोड़ देते हैं, जिससे Bounce Rate बढ़ जाता है। इसे ठीक करने के लिए:

✔ छोटे पैराग्राफ और बुलेट पॉइंट्स का इस्तेमाल करें
Headings & Subheadings (H2, H3) का सही तरीके से उपयोग करें
✔ सिंपल और क्लियर लैंग्वेज में लिखें

2. Not Updating Outdated Information | पुरानी जानकारी को अपडेट न करना

वेबसाइट पर पुराना डेटा, एक्सपायर्ड ऑफर या गलत इनफॉर्मेशन SEO और यूज़र ट्रस्ट दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे बचने के लिए:

✔ रेगुलर बेसिस पर कंटेंट रिव्यू करें
✔ ट्रेंड्स और इंडस्ट्री अपडेट्स के अनुसार पोस्ट्स को अपडेट करें
✔ पुराने ब्लॉग्स में नए फैक्ट्स और उदाहरण जोड़ें

3. Overlooking Internal Linking Opportunities | इंटरनल लिंकिंग को नजरअंदाज करना

अगर आपके ब्लॉग्स और पेजेज एक-दूसरे से कनेक्टेड नहीं हैं, तो यह SEO और यूज़र एक्सपीरियंस दोनों को प्रभावित करता है। Internal Linking से:

✔ यूज़र्स को रिलेटेड कंटेंट तक पहुँचने में आसानी होती है
✔ गूगल बॉट्स वेबसाइट को बेहतर तरीके से क्रॉल कर सकते हैं
✔ Page Authority और Ranking में सुधार आता है

4. Deleting Pages Without Proper Redirection | पेज डिलीट करने पर रीडायरेक्शन न लगाना

अगर आप कोई पेज डिलीट कर रहे हैं और उसे सही तरीके से रीडायरेक्ट नहीं किया, तो 404 Errors बढ़ सकते हैं, जिससे SEO और यूज़र एक्सपीरियंस खराब होता है। इसे ठीक करने के लिए:

✔ पुराने पेज को 301 Redirect से किसी रिलेटेड पेज पर भेजें
✔ Google Search Console में Broken Links की पहचान करें
✔ डिलीट करने की बजाय कंटेंट को अपडेट करके रीपब्लिश करें

Common Mistakes to Avoid

Benefits of Regular Content Audits | नियमित कंटेंट ऑडिट के फायदे

Content Audit एक बार करने से ही पूरा फायदा नहीं मिलता, बल्कि इसे रेगुलर बेसिस पर करना जरूरी है। समय के साथ वेबसाइट का कंटेंट पुराना हो सकता है, SEO ट्रेंड्स बदल सकते हैं और यूज़र की जरूरतें भी बदलती रहती हैं। अगर कंटेंट ऑडिट को एक नियमित प्रक्रिया के रूप में अपनाया जाए, तो इससे कई लॉन्ग-टर्म फायदे मिलते हैं।

1. Maintains Content Relevance and Accuracy | कंटेंट की प्रासंगिकता और सटीकता बनाए रखता है

  • समय के साथ कुछ जानकारियां आउटडेटेड हो सकती हैं, जैसे पुराने डेटा, एक्सपायर्ड ऑफर या बदले हुए इंडस्ट्री ट्रेंड्स
  • रेगुलर कंटेंट ऑडिट करने से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वेबसाइट पर मौजूद हर जानकारी अप-टू-डेट और रिलेटेड हो।
  • इससे यूज़र्स को विश्वसनीय और सटीक जानकारी मिलती है, जिससे वे वेबसाइट पर अधिक समय बिताते हैं और बार-बार विज़िट करने लगते हैं।

2. Improves SEO Rankings and Organic Traffic | SEO रैंकिंग और ऑर्गेनिक ट्रैफिक बढ़ाता है

  • Google का एल्गोरिदम लगातार बदलता रहता है, इसलिए पुराने कंटेंट को अपडेट करना जरूरी होता है।
  • Content Audit से आप ऐसे ब्लॉग्स और पेजेस को आइडेंटिफाई कर सकते हैं जिनमें SEO ऑप्टिमाइज़ेशन की जरूरत है।
  • कीवर्ड रिसर्च के आधार पर पुराने कंटेंट में नए ट्रेंडिंग कीवर्ड्स जोड़कर और बेहतर मेटा टाइटल व डिस्क्रिप्शन अपडेट करके गूगल रैंकिंग इंप्रूव कर सकते हैं।
  • अच्छी रैंकिंग मिलने से वेबसाइट का ऑर्गेनिक ट्रैफिक बढ़ता है, जिससे ज्यादा लीड्स और कन्वर्ज़न मिल सकते हैं।

3. Enhances User Experience and Engagement | यूज़र एक्सपीरियंस और एंगेजमेंट बेहतर बनाता है

  • अगर कंटेंट रीडिबल, क्लियर और इंटरेक्टिव है, तो यूज़र्स उसे ज्यादा पसंद करते हैं।
  • कंटेंट ऑडिट में यूज़र बिहेवियर का एनालिसिस करके आप यह समझ सकते हैं कि कौन-सा कंटेंट ज्यादा एंगेजिंग है और किसे इंप्रूव करने की जरूरत है।
  • Internal Linking के जरिए पेजेस को आपस में कनेक्ट किया जा सकता है, जिससे यूज़र वेबसाइट पर ज्यादा समय बिताते हैं और अलग-अलग पेजेस एक्सप्लोर करते हैं
  • इससे Bounce Rate कम होता है और वेबसाइट का ओवरऑल एंगेजमेंट बढ़ता है।

4. Supports Data-Driven Content Decisions | डेटा-बेस्ड कंटेंट स्ट्रैटेजी को मजबूत करता है

  • कंटेंट ऑडिट करने से यह समझने में मदद मिलती है कि कौन-सा कंटेंट अच्छा परफॉर्म कर रहा है और कौन-सा नहीं।
  • Google Analytics और Google Search Console जैसे टूल्स से यह पता चलता है कि किन पेजेस पर ज्यादा ट्रैफिक आ रहा है और किन पर कम।
  • इस डेटा के आधार पर आप कंटेंट स्ट्रैटेजी को ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं, जिससे फ्यूचर कंटेंट प्लानिंग ज्यादा इफेक्टिव होती है
  • डेटा-बेस्ड डिसीज़न लेने से कंटेंट मार्केटिंग कैम्पेन्स अधिक सफल होते हैं और ROI (Return on Investment) बेहतर होता है
Benefits of Regular Content Audits

Conclusion | निष्कर्ष

Content Audit सिर्फ एक बार करने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसे रेगुलर बेसिस पर करने से वेबसाइट की ओवरऑल हेल्थ और SEO परफॉर्मेंस में सुधार होता है। जब कंटेंट ऑडिट सही तरीके से किया जाता है, तो यह सुनिश्चित करता है कि वेबसाइट पर मौजूद हर पेज अप-टू-डेट, यूज़र-फ्रेंडली और सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़्ड हो।

🔹 SEO इंप्रूवमेंट: आउटडेटेड और लो-परफॉर्मिंग कंटेंट को अपडेट करके वेबसाइट की गूगल रैंकिंग और ऑर्गेनिक ट्रैफिक बढ़ाया जा सकता है।
🔹 यूज़र एंगेजमेंट: इंटरनल लिंकिंग, कंटेंट क्वालिटी इंप्रूवमेंट और डेटा-ड्रिवन अप्रोच से यूज़र एक्सपीरियंस बेहतर होता है, जिससे Bounce Rate कम और एंगेजमेंट रेट बढ़ता है
🔹 कंटेंट की प्रासंगिकता बनाए रखना: रेगुलर ऑडिट से यह सुनिश्चित किया जाता है कि वेबसाइट पर मौजूद हर जानकारी सटीक, रिलेटेड और वैल्यू देने वाली हो
🔹 लॉन्ग-टर्म सक्सेस: कंटेंट ऑडिट को एक स्ट्रैटेजिक प्रोसेस के रूप में अपनाने से वेबसाइट की स्थिरता, ट्रैफिक ग्रोथ और बिज़नेस ROI को लंबे समय तक मेंटेन किया जा सकता है।

अगर आप अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन और यूज़र्स दोनों के लिए ऑप्टिमाइज़ करना चाहते हैं, तो कंटेंट ऑडिट को एक रेगुलर प्रक्रिया के रूप में अपनाना बेहद जरूरी है। 

Content Audit Complete

FAQs | Content Audit

1. What is a Content Audit? | कंटेंट ऑडिट क्या है?

Content Audit एक प्रक्रिया है जिसमें वेबसाइट के मौजूदा कंटेंट का एनालिसिस किया जाता है ताकि उसकी क्वालिटी, SEO परफॉर्मेंस और यूज़र एंगेजमेंट को बेहतर बनाया जा सके।Content Audit एक प्रक्रिया है जिसमें वेबसाइट के मौजूदा कंटेंट का एनालिसिस किया जाता है ताकि उसकी क्वालिटी, SEO परफॉर्मेंस और यूज़र एंगेजमेंट को बेहतर बनाया जा सके।

2. Why is a Content Audit important? | कंटेंट ऑडिट क्यों जरूरी है?

यह वेबसाइट की रैंकिंग, ट्रैफिक और यूज़र एक्सपीरियंस को सुधारने में मदद करता है। साथ ही, यह पुराने, डुप्लिकेट और लो-परफॉर्मिंग कंटेंट को अपडेट या हटाने में मदद करता है।

3. How often should I perform a Content Audit? | कंटेंट ऑडिट कितनी बार करना चाहिए?

सामान्यत: हर 6-12 महीने में एक बार कंटेंट ऑडिट करना सही रहता है। अगर वेबसाइट पर बहुत ज्यादा कंटेंट पब्लिश हो रहा है, तो इसे हर 3-6 महीने में करना फायदेमंद रहेगा।

4. What tools are used for a Content Audit? | कंटेंट ऑडिट के लिए कौन-कौन से टूल्स इस्तेमाल किए जाते हैं?

Content Audit के लिए Google Analytics, Google Search Console, Screaming Frog, Ahrefs, SEMrush और Hotjar जैसे टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है।

5. Does a Content Audit help in SEO? | क्या कंटेंट ऑडिट SEO में मदद करता है?

हां! कंटेंट ऑडिट से कीवर्ड ऑप्टिमाइज़ेशन, मेटा टैग्स इंप्रूवमेंट, डुप्लिकेट कंटेंट हटाने और इंटरनल लिंकिंग सुधारने में मदद मिलती है, जिससे SEO परफॉर्मेंस बेहतर होती है। 

Leave a Comment

Scroll to Top